Indian Railways Rule : भारतीय रेल नेटवर्क भारत सरकार के परिवहन का सबसे बड़ा माध्यम है। बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों से होकर रेल की पटरियां गुजरती है और जनसामान्य के इलाके में रेलवे द्वारा लोगो को पास करने के लिए रेलवे क्रासिंग फाटक का निर्माण कराया जाता है। साथ ही साथ गेटमैन की नियुक्ति होती है जो जब जब ट्रेन आती है उस समय गेट बंद करता है और फिर खोल देता है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि लोग रेलवे क्रासिंग फाटक पास कर जाते है या गेटमैन से बहस कर लेते है। आइए जानते है रेलवे क्रासिंग पर अगर आप नियम उल्लंघन करते है तो रेलवे के किस अधिनियम के अंतर्गत आपपर क्या क्या कार्रवाई हो सकती है...
धारा 146 : रेल कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान बाधा पहुंचाना -
रेलवे गाइडलाइंस के अनुसार अगर कोई व्यक्ति रेलवे क्रासिंग फाटक पर तैनात रेलवे कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान बाधा पहुंचाता है अथवा कार्य करने से रोकता है तो वैसे स्थिति में वह डण्ड का भागी होगा और उसे 6 माह का जेल तथा 1000 रूपये का जुर्माना या जेल व जुर्माना एकसाथ भी हो सकता है।
धारा 160 : समपार फाटक (रेलवे क्रासिंग) को खोलना अथवा तोड़ना -
ऐसे स्थिति में रेलवे की धारा 160 के अंतर्गत कार्रावाई की जाती है। रेलवे गाइडलाइंस की धारा 160 साफ और स्पष्ट शब्दों में उल्लेख करती है कि...
1. रेल कर्मचारी या इसके लिए अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई व्यक्ति फाटक से लगे चेन अथवा बैरियर को किसी प्रकार खोलता है कि यातायात बाधित हो जाए ऐसे स्थिति में वह दंड का भागी होगा और जेल की सजा होगी जो कि अधिकतम 3 साल तक बढाया जा सकता है।
2. यदि कोई व्यक्ति गेट से लगे किसी ओर की फाटक की चेन या बैरियर तोड़ता है जिससे यातायात बाधित हो जाए तो उसे भी जेल के सजा की ही प्रावधान है।
वैसे भी जीवन बहुमूल्य है
जीवन से खिलवाड़ न ही करें
रेलवे भी कहती है
सावधानी हटी दुर्घटना घटी
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